एमपी, एमएलए बनाओ तो कोई बात बने
मंत्री, महोदय पुकारो तो कोई बात बने
चोर लुटेरा न पुकारो मुझे मेरे वोटरों
मुझे चुन के दिखाओ तो कोई बात बने
औरों के भाषण पिए जा रहे हो कबसे
थोड़ा मुझको भी सुनलो तो कोई बात बने
जमाने से दूसरों को वोट फेंकने वालो
अबकी मुझको जिताओ तो कोई बात बने
कुर्सी के लिए सूख के खार हो गए
कोई पद प्रतिष्ठा दिलाओ तो कोई बात बने
पार्टी पब्लिक को फिर कौन पूछे रवि
हमें चुन के बिठाओ तो कोई बात बने
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Monday, July 7, 2008
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