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Saturday, July 19, 2008

ek letter patni ka pati ko

एक गांव में एक स्त्री थी । ऊसके पती आई टी आई कार्यरत थे । वह आपने पती को पत्र लिखना चाहती है पर अल्पद्नानी होने के कारण उसे यह पता नहीं होता है कि पूर्णविराम कहां लगेगा । ईसीलीये ऊसका जहां मन करता है वहीं पुर्णविराम लगाती है ।और इस प्रकार चिट्टी लिखती है ।



मेरे प्यारे जीवनसाथी मेरा प्रणाम आपके चरनोमे । आप ने अभीतक चिट्टी नहीं लिखी मेरे सहेलीकॊ । नोकरी मिल गयी है हमारी गाय ने । बछडा दिया है दादाजीने । शराब शुरु कर दी मैने । तुमको बहुत खत लिखे पर तुम नहीं आये कुत्ते के बच्चे । भेडीया खा गई दो महीने का राशन । छूट्टी पर आते वक्त ले आना एक खुबसुरत औरत । मेरी सहेली बन गई है । और इस वक्त टी व्ही पर गाना गा रही है हमारी बकरी । बेच दी गयी है तुम्हारी मां । तुमको याद कर रही है एक पडोसन । हमें बहूत तंग करती है तुम्हारी बहन । सिरददर से लेटी है तुम्हरी पत्नी

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